किस्मत शायरी | नसीब शायरी | मुकद्दर शायरी | kismat shayari Collection
मत कर हिसाब मेरे प्यार का,कही ऐसा ना हो की.बाद में तू ही कर्जदार निकले
कौन कहता है हम उसके बिना मर जायेंगेहम तो दरिया है समंदर में उतर जायेंगेवो तरस जायेंगे प्यार की एक बून्द के लिएहम तो बादल है प्यार के किसी और पर बरस जायेंगे
लोग कहते है हर दर्द की एक हद होती हैमोहब्बत की हद्द है सितारों से आगे;प्यार का जहाँ है बहारों से आगे;वो दीवानों की कश्ती जब बहने लगी;तो बहते बह गई किनारों से आगे
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खूबिओं से नहीं होती मोहब्बत भी सदा,कमियों से भी अक्सर प्यार हो जाता है
लोग कहते हैं,जो दर्द देता है, वही दवा देता है,पता नहीं,फ़िज़ूल की बातों को,कौन हवा देता है
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चलो अब हक़ीक़त से भी दो-चार होते हैंमेरे शहर में ख़ुशी से महंगे त्यौहार होते हैं
जिनके दिल अच्छे होते है नउनकी किस्मत ख़राब होती है
चाहने से कोई चीज़ अपनी नही होती,हर मुस्कुराहट खुशी नही होती,अरमान तो भूख होती है दिल मे,मगर कभी वक़्त तो कभी किस्मत सही नही होती।।
दिल कि बाते कहने को #दिल करता है.दर्दे जुदाई सहने को दिल करता है.क्या करे किस्मत मे है दुरियाँ वर्ना.हमे तो आपके दिल मे रहने को दिल करता है.
क्यूं हथेली की लकीरों से हैं आगे उंगलियांरब ने भी किस्मत से आगे मेहनत रखी...
आपको याद करना मेरी आदत बन गई है,आपका खयाल रखना मेरी फितरत बन गई है,आपसे मिलना ये मेरी चाहत बन गई है,आपको प्यार करना मेरी किस्मत बन गई है।
मैने कहा खुदा से,क्या खूब दोस्त मिले है...क्या खूब मैनें, किस्मत पाई है,खुदा ने कहा हंसकर,"संभाल कर रख पगले,ये मेरी पसंद है जो तेरे हिस्से में आई है...!!!
जिसके लफ़्जों में हमे अपना अक्स मिलता है... बङे नसीब से ऐसा कोई शख़्स मिलता है..
मिलना बिछङना सब किस्मत का खेल है...कभी नफरत तो कभी दिलों का मेल है...बिक जाता है हर रिश्ता दुनिया में...सिर्फ दोस्ती ही यहॉ नॉट फार सेल है
माँ को देख,मुस्कुरा लिया करो..क्या पता किस्मत मेंचारो धाम लिखे ही ना हो
इलायची के दानो सा मुक्कदर है अपनामेहक उतनी ही बिखरी पिसे गये जितना
एक उम्र गुस्ताख़ीयों के लिये भी नसीब हो,ये ज़िन्दगी तो बस अदब में ही गुज़र गई
गुनगुनाना तो तकदीर में लिखा कर लाए थे,खिलखिलाना दोस्तों ने तोहफे में दे दिया
चल आ तेरे पैरों पर मरहम लगा दूॅ ए मुक़द्दर
कुछ चोटें तुझे भी आयी होंगी मेरे सपनों को ठोकर मारकर
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किस्मत की किताब तो खूब लिखी थी मेरी... खुदा ने
बस वही पन्ना गुम था जिसमे मोहब्बत का ज़िक्र था.
ठोकरें खा कर भी ना संभाले तो मुसाफ़िर का नसीब,
वरना पत्थरों ने तो अपना फर्ज निभा ही दिया था...
- अोशो
उनसे कहना कि किस्मत पे ईतना नाज़ ना करे
हमने बारिश में भी जलते हुए मकान देखें हैं
नसीब जोर करता है तो सच्चा प्यार भी मिल जाता है,
वर्ना तो वक़्त पर एक ऑटो रिक्शा भी नही मिलता
वक़्त जब आँखें फेर लेता है..
तो शेर को भी कुत्ता घेर लेता है.
कुछ लोग किस्मत की तरह होते हैं
जो दुआ से मिलते हैं और..
कुछ लोग दुआ की तरह होते हैं
जो किस्मत बदल देते हैं
- Priya
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देखते है हमदोनों कैसे जुदा हो पाएंगे
तुम मुक्क़द्दर का लिखा मानते हो हम दुआ आजमाएँगे
Motivation Shayari
जिससे प्यार करो उसे अगर पा लिया जाये,
तो इसे किस्मत कहते हैं,
अौर जो किस्मत में नहीं है फिर भी,
उसी से प्यार करो तो इसे मोहब्बत कहते हैं
ये कौन चुरा ले जा रहा है,
चैन और सुकून मेरे नसीब से,
गुजर रहा है दौर इश्क का,
इन दिनों फिर मेरे करीब से
बात वफ़ाअों की होती, तो कभी न हारते,
बात नसीब की थी, कुछ ना कर सके
कामयाब होने के लिये
करो मेहनत पर यकीन
क्यों कि
किस्मत तो जुए में
आजमाई जाती है !!
Attitude Shayari
सच्ची मोहब्बत मिलना भी तकदीर होती है,
बहुत कम लोगों के हाथों में ये लकीर होती है.
कभी किस्मत, कभी वक़्त पर इल्ज़ाम..
कभी गलती सितारों की तो कभी दूसरों का नाम...
कितने पर्दे हाज़िर हैं यहां
ख़ुद को छुपाने के लिए..!
Sajla
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दिल ने फिर चाहा उजाले का समुंदर होना,
फिर अमावस को मिला मेरा मुकद्दर होना.
- Mohbsaqib
किस्मत को खराब बोलने वालों,
कभी किसी गरीब के पास बैठकर पूछना जिंदगी क्या है
- Kashif Irfan
चाँद का क्या कसूर अगर रात बेवफा निकली,
कुछ पल ठहरी और फिर चल निकली,
उन से क्या कहे वो तो सच्चे थे,
शायद हमारी तकदीर ही हमसे खफा निकली।
Dosti Shayari
Chand Ka Kya Kasoor Agar Raat Bewafa Nikli,
Kuch Pal Thhari Aur Fir Chal Nikli,
Un Se Kya Kahen Wo To Sacche The,
Shayad Hamari Takdeer Hi Hmse Khafa Nikli.
Taqdir Likhne Wale Ek Ehsaan Karde,
Mere Dost Ki Taqdir Mai Ek Aur Muskan Likh De,
Na Mile Kabi Dard Unko,
Tu Chahe To Uski Kismat Mai Meri Jaan Likh De.
तक़दीर लिखने वाले एक एहसान करदे,
मेरे दोस्त की तक़दीर मैं एक और मुस्कान लिख दे,
न मिले कभी दर्द उनको,
तू चाहे तो उसकी किस्मत मैं मेरी जान लिख दे.
Heart Touching Love Shayari in Hindi
Baat Mukaddar Pe Aa Ke Ruki Hai Varna,
Koi Kasar To Na Chhodi Thi Tujhe Chahne Me.
बात मुकद्दर पे आ के रुकी है वरना,
कोई कसर तो न छोड़ी थी तुझे चाहने में।
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Agar Yakeen Hota Ki Kehne Se Ruk Jaayenge,
To Hum Bhi Hanskar Unko Pukaar Lete,
Magar Naseeb Ko Mere Ye Manjoor Nahi Tha,
Ke Hum Bhi Do Pal Khushi Se Gujar Lete.
Romantic Shayari for Love in Hindi
अगर यकीन होता की कहने से रुक जायेंगे,
तो हम भी हँसकर उनको पुकार लेते,
मगर नसीब को मेरे ये मंजूर नहीं था,
के हम भी दो पल खुशी से गुजार लेते।
Jaruri To Nahi Jeene Ke Liye Sahara Ho,
Jaruri To Nahi Hum Jiske Hain Wo Humara Ho,
Kuchh Kashtiya Doob Bhi Jaya Karti Hai,
Jaruri To Nahi Har Kashti Ka Kinara Ho.
जरुरी तो नहीं जीने के लिए सहारा हो,
जरुरी तो नहीं हम जिसके हैं वो हमारा हो,
कुछ कश्तियाँ डूब भी जाया करती है,
जरुरी तो नहीं हर कश्ती का किनारा हो।
Suna Hai Ab Bhi Mere Hathon Ki Lakeeron Me,
Najoomiyon Ko Muqaddar Dikhayi Deta Hai.
सुना है अब भी मेरे हाथों कि लकीरों में,
नाजूमियों को मुक़द्दर दिखाई देता है।
Aisa Nahi Ki Dil Me Teri Tasveer Nahi Thi,
Par Haathon Me Tere Naam Ki Lakeer Nahi Thi.
ऐसा नहीं के दिल में तेरी तस्वीर नहीं थी,
पर हाथों में तेरे नाम की लकीर नहीं थी।
Na Koi Kisi Se Dur Hota Hai,
Na Koi Kisi Ke Kareeb Hota Hai,
Pyar Khud Chal Kar Aata Hai,
Jab Koi Kisi Ka Naseeb Hota Hai.
न कोई किसी से दूर होता है,
न कोई किसी के करीब होता है,
प्यार खुद चल कर आता है,
जब कोई किसी का नसीब होता है।
Muqaddar Ki Likhawat Ka Ek Aisa Bhi Kayeda Ho,
Der Se Kismat Khulne Walo Ka Duguna Fayeda Ho.
मुक़द्दर की लिखावट का एक ऐसा भी काएदा हो,
देर से किस्मत खुलने वालो का दुगुना फायेदा हो।
Pyar Ki Kali Sabke Liye Khilti Nahi,
Chahne Par Har Ek Cheej Milti Nahi,
Sachchha Pyar Kismat Se Hi Milta Hai,
Aur Har Kisi Ko Aisi Takdeer Milti Nahi.
प्यार की कली सबके लिए खिलती नहीं,
चाहने पर हर एक चीज मिलती नहीं,
सच्चा प्यार किस्मत से ही मिलता है,
और हर किसी को ऐसी तकदीर मिलती नहीं।
Kisi Ki Takdeer Agar Ruthh Jaaye,
Usko Koi Bhi Kinara Nahi Milta,
Gairon Ki Baat Hi Chhodo Dosto,
Apno Ka Bhi Sahara Nahi Milta.
किसी की तकदीर अगर रूठ जाये,
उसको कोई भी किनारा नहीं मिलता,
गैरों की बात ही छोड़ो दोस्तों,
अपनों का भी सहारा नहीं मिलता।
Kabhi Jo Mujhe Haq Mila Apni Takdeer Likhne Ka,
Kasam Khuda Ki Tera Naam Likh Kar Kalam Torh Dunga.
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कभी जो मुझे हक मिला अपनी तकदीर लिखने का ,
कसम खुदा की तेरा नाम लिख कर कलम तोड़ दूंगा।
Tere Daaman Me Gulistaan Bhi Hain Veerane Bhi,
Mera Haasil Meri Takdeer Bataa De Mujhko.
तेरे दामन में गुलिस्तान भी हैं वीराने भी,
मेरा हासिल मेरी तकदीर बता दे मुझको।
Takdeer Banane Wale Tumne To Koi Kami Nahi Ki,
Ab Kis Ko Kya Mila Yeh Muqaddar Ki Baat Hai.
तकदीर बनाने वाले तुमने तो कोई कमी नहीं की,
अब किस को क्या मिला यह मुकद्दर की बात है।
Ishq Karna To Lagta Hai Jaise,
Mout Se Bhi Badi Ek Sazaa Hai,
Kya Kisi Se Shikayat Karein Hum,
Jab Apni Taqdeer Hi Bewafa Hai.
इश्क करना तो लगता है जैसे,
मौत से भी बड़ी एक सजा है,
क्या किसी से शिकायत करें हम,
जब अपनी तकदीर ही बेवफा निकली
किस्मत पर ऐतबार किस को है
मिल जाये ‘ख़ुशी’ इनकार किस को है
कुछ मजबूरियां हैं मेरे दोस्तों
वरना ‘जुदाई ’ से प्यार किस को है
किस्मत से अपनी सबको शिकायत क्यों है
जो नहीं मिल सकता उसी से मोहब्बत क्यों है
कितने खड़े है राहो पे
फिर भी दिल को उसी की चाहत क्यों
कुछ किस्मत ही ऐसी रही दोस्तों
की अब ज़िन्दगी से कोई तम्मना ही नहीं
जिसको चाहा हमने उसे पा न सका
जो किस्मत में थी उसे मोहब्बत न कर सके
मेरी किस्मत ही बेईमानी निकली
कबर भी खोदी तो ज़मीन पत्थर की निकली
लेकर मेरा जनाजा वो जलाने गए तो
कम्बख़त मेरे नसीब की लकड़ी भी गीली निकली
मेरी तक़दीर से पूछ मेरी किस्मत का फैसला
मेरी मुस्कराहट पे न जा मेरा दर्द तलाश कर
आँखों से पूछ मेरे इंतज़ार की हद
इम्तिनान पे न जा मेरे सबर को तलाश कर
मेरे दोस्तों से पूछ मेरी दोस्ती का आलम
सूरत पे न जा मेरी सिरत तलाश कर
जो मिल जाये तुम को मेरी बातों के जवाब
तो फिर तू ज़रा सा काम कर
मुझे आस पास न देख मुझे खुद मैं तलाश कर
तुम्हे हासिल कर पाते ऐसी किस्मत कहाँ अपनी
बस जो कभी दिल घबराया तो तुझे याद कर लेते हैं
जानते हैं कभी अर्श तक न पहुंचेगी मुराद अपनी
फिर भी हर दुआ में तेरी फ़रियाद कर लेते हैं
चाँद तारों से सजे तेरे अक्स की तस्वीर बनाकर
हम खुद ही दिल-ऐ-नाकाम आबाद कर लेते हैं
खुद से अपने माशूक़ की तालाब करके यह आशिक़
चाँद मुकम्मल दुआएं भी बर्बाद कर लेते हैं
अब जबकि इस दुनिया से तेरी कोई चाहत न रही
बस तेरा तखल्लुस ही ‘शाद’ कर लेते हैं
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