Izzat Shayari | इज़्ज़त शायरी
इज्जत इतनी महंगी चीज है साहब,
इसकी उम्मीद घटिया लोगों से बिल्कुल भी ना करें
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चाहे इंसान गरीब हो या आमिर,
दलित हो या ब्राह्मण सबको इज्जत से रहने का अधिकार हैं।
हम अपनी हिफाज़त कुछ इस कदर कर लेते हैं
मोहब्बत छोड़ देते हैं और इज्जत रख लेते हैं.... "
वो मिलने की मन्नत करते रहे,
मैं इज्जत की दुहाई देती रही।
बस इस क़दर ही,
मेरी मोहब्बत की कहानी खत्म हो गई
इज्जत हमेशा इज़्ज़तदार लोग ही करते है,
जिनके पास खुद इज़्ज़त नहीं वो किसी दूसरे को क्या इज़्ज़त देगे.
जिस तरह के आप कर्म करेंगे,
उसी तरह की आप इज्जतभी पाएंगे।
इस दुनिया में अपनी इस तरह इज्जतबनाना, की लोग सामने तो इज़्ज़त करे ही करे लेकिन पीठ पीछे भी इज़्ज़त करना ना भूले।
लोगों से डरना छोड़ दो, इज्जतऊपरवाला देता है लोग नहीं.
चाहे जिंदगी में कितने भी मोड़ आये पर अपनी इज्जतगवाने के लिए कभी भी किसी के आगे हाथ ना फैलाये।
इज्जतका खाओगे तो हमेशा खुश रहोगे और मांगकर खाओगे तो हमेशा लोगो के अहसानो के नीचे दबकर रहोगे।
आज भी लोग हमारी इतनी इज्जतकरते हैं,
हम जिसे मेसेज करते हैं वो सर झुकाकर पढ़ते हैं.
Romantic Shayari for Love in Hindi
जिसके मन में लालच जन्म ले लेता हैं,
उसको फिर इज़्ज़त गवाने में ज्यादा समय नहीं लगता हैं।
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जो व्यक्ति आपको इज्जत ना दे उससे दूर हो जाना ही ज्यादा बेहतर होता हैं।
किसी भी शख्श को हद से ज्यादा अहमियत मत देने लग जाना,
वरना तुम अपनी इज़्ज़त खो दोगे।
कुछ लोग ऐसे होते हैं की उनको कितनी भी इज्जतदो,
पर उन्हें वो इज़्ज़त हज़म नहीं होती.
जिसकी इज्जतसमाज में सबसे ज्यादा होती हैं,
लोग उसी की बात को ज्यादा मानते हैं।
जब भी बात इज्जतया महोब्बत की हो तो बिना सोचे इज्जत को ही चुनना।
इज्जतमहंगी चीज है,
इसकी उम्मीद सस्ते लोगों से ना रखें.
एक इज्जतदार व्यक्ति से हर कोई मित्रता करना पसंद करता हैं।
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अगर किसी का अपमान करोगे तो खुद भी एक सम्मानित जीवन नहीं जी पाओगे
इज्जत, मोहब्बत, तारीफ़ और दुआ,
माँगी नहीं जाती कमाई जाती है
जिंदगी में आये हो तो हर चीज करना,
पर भूलकर भी कभी अपनी इज्जतमत गवाना।
इज्जतभी मिलेगी दौलत भी मिलेगी
अगर आपके पास कामयाब बनने की काबिलियत होगी।
जिंदगी में आये हो तो हर चीज करना,
पर भूलकर भी कभी अपनी इज्जतमत गवाना.
Heart Touching Love Shayari in Hindi
अहंकार पालकर आप कभी भी इज्जतनहीं पा सकते है।
दूसरो को प्रोत्साहन देकर आप इज्जतके हक़दार जरूर बन सकते हैं।
जब बात इज्जतपर आती हैं,
तो रिश्तों में भी खट्टास अपने आप पैदा हो जाती है.
दूसरो के साथ बुरा व्यव्हार कर के आप कभी भी इज्जतपाने के हक़दार नहीं बन सकते हैं।
काम भले ही छोटा हो पर इज्जतका हो।
हर चीज कमाना आसान हैं,
लेकिन इज्जतकमाना बहुत मुश्किल.
जिसे इज़्ज़त बोलते हो
उसी की इज्जतनही करते।।
बेज्जती का जवाब इतनी इज्जतसे दीजिए कि
सामने वाला व्यक्ति शर्मिंदा हो जाए।
दूसरो के साथ बुरा व्यव्हार करके,
आप कभी भी इज्जतपाने के हक़दार नहीं बन सकते हैं.
उन्हें मत तोलिए तहज़ीब के तराजू में जनाब
वे खूब जानते हैं दूसरों की इज्जतको संभालना।
जितनी इज़्ज़त आप दूसरो को दोगे,
उससे कई ज्यादा इज्जतलोग आपको भी देंगे।
उन्होंने इज्जत बेच कर पैसे कमाए होंगे जनाब,
तभी आज़ादी गंवाकर बस गुलामी हाथ लगी है ।
बेईमान व्यक्ति को यह समाज कभी भी इज्जतनहीं देता,
बस मौका मिलते ही उसको बेइज़्ज़त करता हैं।
मुसीबत के वक्त हर किसी की सहायता करनी चाहिए,
इससे आपकी इज्जत भी बढ़ेगी और लोगो की दुआए भी आपको मिलेंगी।
मोहब्बत ना मिले तो बस दिल टूटता है
और अगर
इज्जत चली जाए तो आसमान टूटता है
कोई हमें इन लबों से "बहन" पुकार दे ,
मन ऐसा कोई शिद्दत भरा चाहिए ।
एक नज़र देखें हमें कोई , साहब कुछ
नहीं बस नज़रिया एक इज्जत भरा चाहिए ।।
Koi tumhe apna raaz,
Bataye toh samjh lena...
Usne apni izzat tumahre,
Hawale kar di hai..
चाहे कितना भी पैसा कमा लो
अगर इज्जत नहीं कमा पाए तो
हमेशा गरीब ही कहलाओगे।
कोई साथ हो या ना हो पर अपनी इज्जत
अपने साथ होनी बहुत ज़रूरी हैं।
पैसा कमाने के चककर में आज लोग इतने पागल हो गए हैं
की इसके लिए अपनी इज्जत बेचना भी ठीक समझते हैं।
दौलत का क्या हैं साहब वो तो आती-जाती रहेगी,
अगर इज्जत एक बार चली गयी थी तो वापस नहीं आएगी
जिसके पास इज्जत हैं,
उसके पास हर चीज हैं।
इज्जत कही भरे बाजार में नहीं मिलती इसे कमाना पड़ता है।
रोटी खाओ तो इज्जत की खाओ वरना मत खाओं।
जो व्यक्ति सच्चे दिल से दान करता हैं,
उसकी इज्जत हर व्यक्ति और हर समाज करता हैं।
जब भी किसी की सहायता करो तो उस पर कभी भी अपना अहसान मत जताना,
सच कह रहा हूँ इज्जत गिरते ज्यादा वक्त नहीं लगेगा।
जहा हमारी गलती हो वहा पर झुक जाना ही सही होता हैं,
इससे हमारी इज्जत सामने वाले की नजरो में कम नहीं बल्कि और बढ़ जाती हैं।
माना पैसो से हर चीज खरीदी जा सकती हैं,
पर पैसो से इज्जत बिलकुल भी नहीं खरीदी जा सकती हैं।
जो इज्जत कमाने के लिए परिश्रम करता हैं,
उसके पास धन अपने आप ही दौड़ा चला आता हैं
किसी के आगे भीख मांगने से अच्छा हैं की आप अपनी मेहनत का खाये ,
और एक इज्जतदार जिंदगी जिए।
महान इंसान केवल वही बन पाता हैं जिसने अपनी जिंदगी में सफलता के साथ-साथइज्जत भी कमाई होती हैं।
कल तक वो जिसको मुहब्बत कहती थी
आज उसी को वो कोई बीमारी बताने लगी
कल तक जो रात रात जागती थी मेरे लिए
अब वो नींद का बहाना बना सो जाने लगी
कल तक कहते थे मैं हूँ आदत जिसकी
आज वही मुझे कोई बुरी लत बनाने लगी
कल तक जिसको मुझसे बेपनाह प्यार था
अब वही प्यार वो किसी और से जताने लगी
जब मुझसे आखिर दिल भर गया उसका
तो उसे अपनी इज्जत याद आने लगी
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