Welcome Shayari
Welcome Shayari |
Chaandni Raat Badi Der Ke Baad Aayi,
Yeh Mulakaat Badi Der Ke Baad Aayi,
Aaj Aaye Hain Woh Milne Muddat Ke Baad,
Aaj Ki Raat Badi Der Ke Baad Aayi.
चाँदनी रात बड़ी देर के बाद आयी,
ये मुलाक़ात बड़ी देर के बाद आयी,
आज आये हैं वो मिलने मुद्दत के बाद,
आज की रात बड़ी देर के बाद आयी।
Yeh Jo Hijr Mein Deewar-o-Dar Ko Dekhte Hain,
Kabhi Sabaa Ko Kabhi Naambar Ko Dekhte Hain,
Woh Aaye Ghar Mein Humare Khuda Ki Kudrat Hai,
Kabhi Hum Unko Kabho Apne Ghar Ko Dekhte Hain.
यह जो हिज्र में दीवार-ओ-दर को देखते हैं,
कभी सबा को कभी नामबर को देखते हैं,
वो आये घर में हमारे खुदा की कुदरत है,
कभी हम उनको कभी अपने घर को देखते हैं।
haar ko jeet kee ek dua mil gaee
tapan mausam mein thandee hava mil gaee
aap aaye shree maan jee yoo laga
jaise takaleeph ko koochh dava mil gaee
हार को जीत की एक दुआ मिल गई
तपन मौसम में ठंडी हवा मिल गई
आप आये श्री मान जी यू लगा
जैसे तकलीफ को कूछ दवा मिल गई
वो खुद ही नाप लेते हें बुलंदी आसमानों की,
परिंदों को नहीं तालीम दी जाती उड़ानों की।
महकना और महकाना तो काम है खुशबु का
खुशबु नहीं मोहताज़ होती क़द्रदानों की..।।।।
रोली तिलक थाल मे, श्री फल लिया सजाये,
स्वागत को श्री मान के, भेट दुशाला लाये..।।
स्वीकार आमंत्रण किया, रखा हमारा मान,
कैसे करे कृतज्ञता, स्वागत है श्री मान..।।।
दिल को सुकून मिलता हैं मुस्कुराने से,
महफ़िल में रौनक आती है दोस्तों के आने से।
जो दिल का हो ख़ूबसूरत ख़ुदा ऐसे लोग कम बनाये हैं,
जिन्हें ऐसा बनाया है आज वो हमारी महफ़िल में आये हैं।
ख़ुश-आमदीद वो आया हमारी चौखट पर,
बहार जिस के क़दम का तवाफ़ करती है।।
हसरतो ने फिर से करवट बदली है,
आप आये तो बलखा के बहारें आईं।
हुस्न-ओ-इश्क का समा है आज जमाने के बाद,
हर फूल की खुशबू गज़ब है आप के आने के बाद।
चाँदनी रात बड़ी देर के बाद आयी,
ये मुलाक़ात बड़ी देर के बाद आयी।
आज आये हैं वो मिलने मुद्दत के बाद,
आज की रात बड़ी देर के बाद आयी।
हर गली अच्छी लगी हर एक घर अच्छा लगा,
वो जो आया शहर में तो शहर भर अच्छा लगा।
बुझते हुए चराग़ फ़रोज़ाँ करेंगे हम,
तुम आओगे तो जश्न-ए-चराग़ाँ करेंगे हम।
सबके दिलों में हो सबके लिए प्यार,
आने वाला हर पल लाये खुशियों का बहार
इस उम्मीद के साथ भुलाके सारे गम,
इस आयोजन का करें वेलकम..।।
ये कौन आया, रौशन हो गयी महफ़िल किसके नाम से
मेरे घर में जैसे सूरज निकला है शाम से..।।।।।।।
कौन आया कि निगाहों में चमक जाग उठी,
दिल के सोये हुए तरानों में खनक जाग उठी।
किसके आने की खबर ले कर हवाएँ आई,
रूह खिलने लगी साँसों में महक जाग उठी।
आये वो हमारी महफ़िल में कुछ इस तरह
कि हर तरफ़ चाँद-तारे झिलमिलाने लगे।
देखकर दिल उनको झूमने लगा,
सब के मन जैसे खिलखिलाने लगे।।।
हमारी महफ़िल में लोग बिन बुलायें आते हैं,
क्योकि यहाँ स्वागत में फूल नहीं पलकें बिछाये जाते हैं।
फूल खिले गुलशन में
खूबसूरती जजर आई,
आप आये साथ में
खुशियां खुशियां आई।
haar ko jeet kee ek dua mil gaee
tapan mausam mein thandee hava mil gaee
aap aaye shree maan jee yoo laga
jaise takaleeph ko koochh dava mil gaee
हार को जीत की एक दुआ मिल गई
तपन मौसम में ठंडी हवा मिल गई।
आप आये श्री मान जी यू लगा,
जैसे तकलीफ को कुछ दवा मिल गई।
हम उनके इन्तजार में, पलके बिछाते है
क्योकि महफ़िल की रौनक, खास लोग ही बढ़ाते है
जो हमारा मान रखकर, आते है बुलाने से
हम उनसे हाथ नहीं, दिल मिलाते है
कई लोग आते है, और चले जाते है
दिल के करीब हो, तो याद रह जाते है
वैसी ही शख्शियत, हमारे बिच आ गई है
स्वागत में उनके हम, पलक पावडे बिछाते है
दिल के करीब हो, तो याद रह जाते है
वैसी ही शख्शियत, हमारे बिच आ गई है
स्वागत में उनके हम, पलक पावडे बिछाते है
हर नजर को जिसका इन्तजार था
जिनसे मिलने को दिल बेकरार था
वो आए है तो दिल संभलता नहीं है
शायद इसकी वजह उनका प्यार था
जिनसे मिलने को दिल बेकरार था
वो आए है तो दिल संभलता नहीं है
शायद इसकी वजह उनका प्यार था
यह जो हिज्र में दीवार-ओ-दर को देखते हैं,
कभी सबा को कभी नामबर को देखते हैं।
वो आये घर में हमारे खुदा की कुदरत है,
कभी हम उनको कभी अपने घर को देखते हैं।
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