झूठ शायरी | jhooth status
झूट के आगे पीछे दरिया चलते हैं
सच बोला तो प्यासा मारा जाएगा
- वसीम बरेलवी
जा के घर झूटों न पूछी बात तक
बस तिरी झूटी मोहब्बत देख ली
- रिन्द लखनवी
झूट कहने लगा सच से बचने लगा
हौसले मिट गए तजरबा रह गया
- हिलाल फ़रीद
झूट पर उस के भरोसा कर लिया
धूप इतनी थी कि साया कर लिया
- शारिक़ कैफ़ी
जब तक सच जूते पहन रहा होता है तब तक,
एक झूठ आधी दुनिया का सफ़र तय कर सकता है
झूठ, लालच और फरेब से परे है।
खुदा का शुक्र है, आइने आज भी खरे है।।
झूठे चेहरों को सच्चा बताता सदा
रखता इंसाँ सी फ़ितरत अगर आइना
- सचिन शालिनी
ऐ दिल चल छोड अब ये पहरे,
ये दुनिया है झूठी यहाँ लोग हैं लुटेरे।
लिखुंगी फिर से तुम्हारी झुठी मोहब्बत की सच्ची सी तारीफ़े।
जरा ये बेमौसम आँखो की बरसात थोड़ी थम जाने दो।
वो झूट बोल रहा था बड़े सलीक़े से
मैं ऐतबार न करता तो और क्या करता
- वसीम बरेलवी
मत करना फिर से कभी, ये झूठा प्यार का वादा।
आज ही हमने मांगी हैं दुआ, तुझे भूल जाने की।।
कितने झूठे हो गये है हम
बच्चपन में अपनों से भी रोज रुठते थे।
आज दुश्मनों से भी मुस्करा के मिलते है।।
मैं तुम पर हर बार भरोसा करता हूँ
इतना सच्चा झूठ तुम्हारा होता है
- सचिन शालिनी
झूटा है झूट बात ये बोलेगा आईना
आओ हमारे सामने हम सच बताएँगे
- जुनैद अख़्तर
ये झूठ है की मोहब्बत किसी का दिल तोड़ती है,
लोग खुद ही टूट जाते है मोहब्बत करते करते।
दिल हमेशा आपका कर्जदार रहेगा,
सच्ची मोहब्बत ना सही झूठी मोहब्बत तो की।
नज़र आती नहीं मुफ़्लिस की आँखों में तो ख़ुशहाली
कहाँ तुम रात-दिन झूठे उन्हें सपने दिखाते हो
मैं इसलिए परेशान नहीं हूँ कि तुमने मुझसे झूठ कहा,
मैं परेशान हूँ कि मैं अब से तुम पर भरोसा नहीं कर सकूंगा।
Sad Status in Hindi in One Line
झूठ की रफ़्तार भले ही तेज हो,
पर सत्य आगे निकल जाता है।
सच को तमीज नहीं बात करने की,
झूठ को देखो कितना मीठा बोलता है।
मत करना फिर से कभी ये झूठा प्यार का वादा,
आज ही हमने मांगी हैं दुआ तुझे भूल जाने की।
गिरते हुए आँसुओं को कौन देखता है,
झूठी मुस्कान के दीवाने हैं सब यहाँ।
सीख रहा हूँ मैं भी अब मीठा झूठ बोलने का हुनर,
कड़वे सच ने हमसे ना जाने कितने अज़ीज छीन लिए।
झूठ के आगे पीछे दरिया चलते हैं,
सच बोला तो प्यासा मारा जाएगा।
वो झूठ बोल रहा था बड़े सलीक़े से,
मैं एतबार न करता तो और क्या करता।
झूठ बोला है तो क़ायम भी रहो उस पर 'ज़फ़र'
आदमी को साहब-ए-किरदार होना चाहिए।
झूठी सारी बातें,धोखा हर तक़सीम।
गांव से शहर तक,कड़वे सारे नीम।।
झूट पर उस के भरोसा कर लिया
धूप इतनी थी कि साया कर लिया
मैं तुम पर हर बार भरोसा करता हूँ
इतना सच्चा झूठ तुम्हारा होता है
झूठे चेहरों को सच्चा बताता सदा
रखता इंसाँ सी फ़ितरत अगर आइना
झूटा है झूट बात ये बोलेगा आईना
आओ हमारे सामने हम सच बताएँगे
सच को भी झूट झूट को सच कर दिखाओगे
बस इक अमीर-ए-शहर से याराना चाहिए
जा के घर झूटों न पूछी बात तक
बस तिरी झूटी मोहब्बत देख ली
झूट कहने लगा सच से बचने लगा
हौसले मिट गए तजरबा रह गया
सीख रहा हूँ मैं भी अब मीठा झूठ बोलने का हुनर,
कड़वे सच ने हमसे, ना जाने, कितने अज़ीज़ छीन लिए।
-अज्ञात
सच को भी झूट झूट को सच कर दिखाओगे
बस इक अमीर-ए-शहर से याराना चाहिए
- वक़ार फ़ातमी
झूट बोला है तो क़ायम भी रहो उस पर 'ज़फ़र'
आदमी को साहब-ए-किरदार होना चाहिए
-ज़फ़र इक़बाल
झूट वाले कहीं से कहीं बढ़ गए
और मैं था कि सच बोलता रह गया
जी बहुत चाहता है सच बोलें
क्या करें हौसला नहीं होता
झूठ से, सच से जिससे भी यारी रख़ें
आप अपनी तकरीर जारी रख़ें
मैं सच कहूँगी मगर फिर भी हार जाऊँगी
वो झूट बोलेगा और ला-जवाब कर देगा
सादिक़ हूँ अपने क़ौल का 'ग़ालिब' ख़ुदा गवाह
कहता हूँ सच कि झूट की आदत नहीं मुझे
तेरे हर झूठ को सच मान लेते हैं हमेशा हम
हमें भी रस्म-ए-उल्फ़त को निभाना ख़ूब आता है
काग़ज़ी कश्ती का रिश्ता ख़ूब है 'आलोक' से
झूठे जितने भी थे वा'दे आप के अच्छे लगे
झूठ बोलने में सबसे बड़ी परेशानी यह है कि झूठ याद रखने पड़ते है।
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